
दिवाली के पटाखों के धुएं के साथ-साथ लोगों के दिमाग में इस बार कैलेंडर का कोहरा भी छाया हुआ है। अमावस्या दो दिन? दिवाली 20 को, लेकिन अमावस्या 21 को भी? तो फिर गोवर्धन पूजा कब?
भाइयों और बहनों! कन्फ्यूज़न को क्लियर करने आ गया है गूगल भक्तों का गोवर्धन गाइड — पढ़िए और ज्ञान पाइए।
Govardhan Puja 2025: कब और क्यों?
इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को है, लेकिन अमावस्या 21 अक्टूबर की शाम तक बनी रहेगी। ऐसे में जो लोग 21 को पूजा करने की सोच रहे थे — ज़रा ठहरिए!
पंचांग के मुताबिक, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा की तिथि 21 अक्टूबर को शाम 5:54 PM से शुरू होकर 22 अक्टूबर की रात 8:16 PM तक रहेगी। और जैसा कि धर्मग्रंथ कहते हैं — उदय तिथि सर्वोपरि! यानी पूजा होगी 22 अक्टूबर 2025 को।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat):
22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
शुभ समय: दोपहर 3:13 PM से शाम 5:49 PM तक तो अलार्म सेट कर लीजिए और 56 भोग की तैयारी शुरू कर दीजिए।
56 भोग, श्रीकृष्ण और गोवर्धन की ‘लाजवाब कथा’
गोवर्धन पूजा का मतलब सिर्फ मिठाई खाना नहीं है (हालांकि वो मेन आइटम है)। असल में ये त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की उस ‘सुपरहीरो मूव’ की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने इंद्रदेव के घमंड की ऐसी-तैसी कर दी थी।
जब इंद्र ने गोकुल में भारी बारिश कर दी, तो श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर फुल गांव वालों को छत दे दी। बिना EMI के!

तभी से हर साल गांव-गांव में गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर, 56 भोग लगाकर, श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है — ताकि जीवन में कोई तूफान न आए और सुख-समृद्धि बनी रहे।
इस साल तो पंचांग ने बॉलीवुड टाइप ट्विस्ट दे दिया! अमावस्या दो दिन, तिथि आधी रात को शुरू — लोग तो शुद्धता में ऐसा उलझे कि ‘पूजा करें या पंडित को फोन करें?’ वाली हालत हो गई।
पर भक्तों! घबराने की जरूरत नहीं — उदय तिथि 22 को है, सो पूजा भी 22 को ही होगी। बाकि, 56 भोग का बहाना मिले, तो हर दिन ही गोवर्धन मना लो, क्या फर्क पड़ता है!
गोवर्धन पूजा 2025 इस बार 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त दोपहर 3:13 से शाम 5:49 तक रहेगा। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने और जीवन में खुशहाली बनाए रखने के लिए गोवर्धन पूजा ज़रूर करें। और हाँ, 56 भोग का आयोजन Miss ना हो — क्योंकि श्रीकृष्ण भी Foodie हैं!
“दीए जलाए, गोलियां याद आईं!” – योगी का दीपोत्सव पर पॉलिटिकल पटाखा
